पीछे पीछे चलता था यह पेड़, जानकर हैरान हो जाएंगे आप
आपको जानकर हैरानी होगी के जहां एक तरफ पेड़ पौधे पूज्नीय माने जाते है तों वही उनपर भूत प्रेम के निवास की भी मान्यताएं। वहीं साइंस ने भी पेड़ो में जीवन होने के बात मानी है कि पेड़ सुनते, सांस लेते, महसूस करते, और बढ़ते है लेकिन पेड़ एक जगह से दूसरी जगह जा सकते यह बात अभी तक किसी ने नहीं सुनी है, लेकिन यह एकदम सच है कि पाकिस्तान के एक शहर में पेड़ को लोगों के पीछे पीछे चलने की वजह से जंजीरो में जकड़ने की सजा दी गई, और सालों बीतने के बाद भी इस पेड़ की रिहाई आज तक नहीं हुई है। आज हम आपको ऐसे ही पेड़ की कहानी सुनाने जा रहे है।
अपने भले ही इस दुनिया में कई हैरान करने वाली घटनाएं सुनी होगी लेकिन आज हम जिस घटना के बारे में बताने जा रहे है उसे सुनकर आप चौंक जरुर जाएंगे लेकिन यह सत्य है। इस दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहां पेड़ को जंजीरों से जकड़कर रखा जाता है।
यह घटना पाकिस्तान की है। दरसल सन 1898 में रात के वक्त जेम्स स्क्वेयड नाम का एक अंग्रेज अधिकारी था। जो रात शराब पी ज्यादा नशे में होने की वजह से उस रात को उसे लगा कि एक बरगद का पेड़ उसका पीछा लगातार कर रहा है। इसलिए उसने सैनिको को आदेश दिया की इस पेड़ को मोटी मोटी जंजीरों से बांध दिया जाए। उस वक्त यह भारत का हिस्सा हुआ करता था। लेकिन आजादी के बाद यह हिस्सा पाकिस्तान में चला गया था।
हैरानी की बात यह है कि आज भी यह पेड़ जंजीरों से बंधा हुआ है और पेड़ पर एक तख्ती पर लिखा है आई एम अंडर अरेस्ट। अब अंग्रेज तो चले गए लेकिन वो इस को हटाकर नहीं गए तो इसलिए पाकिस्तान सरकार ने भी इसको अंग्रेजों की निशानी मानते हुए पेड़ कोजंजीरों से रिहा नहीं किया।