दुनिया में दोस्ती के रिश्ते को यूँ ही नहीं हर रिश्ते से ऊपर रखा गया है| ऐसा माना जाता है की दोस्ती जितनी ही पुरानी होती है उतनी ही गहरी भी हो जाती है| और ऐसे दोस्त अपनी दोस्ती के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते है| पक्के दोस्तों के बीच चाहे कितनी भी दूरियाँ क्यों न हो वो एक दूसरे से मिलने का रास्ता ढूँढ ही लेते है| ऐसे ही एक वाक़या के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है| जहाँ एक दोस्त 4600 किमी दूर इतना लम्बा सफ़र करके अपने दोस्त से मिलने आई|
दरअसल ये कहानी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ की हैं| यहाँ के सेगवा नाम के एक गांव के कन्हैया लाल गाडरी की दोस्त उनसे मिलने के लिए सैंकड़ो किमी दूर लम्बा सफ़र करके आई| विदेशी दोस्त को देखकर कन्हैया के गांव वाले हैरान रह गए और उनका घर पूरे गाँव में चर्चा का विषय बना हुआ है| कन्हैया के घर पे तो इन दिनों विदेशी लोगो का आना जाना लगा हुआ हैं|
अब आप ये जानना चाहते होंगे की आखिर कन्हैया की दोस्ती इन विदेशी लोगो से कैसे हुयी?
तो आइये हम आपको बताते है की ये पूरा मसला क्या है- कन्हैया की दोस्ती रूसी लड़की अनास्ता से फेसबुक के जरिए हुई थी। कन्हैया लाल ने फेसबुक पर रूस की अनास्ता से बात करते हुए अपने परिवार और दोस्तों के बारे में भी बताया था, और यही वजह थी कि अनास्ता कन्हैया और उनके परिवार से मिलने के लिए उत्सुक हो गईं।
अनास्ता कन्हैया की इतनी अच्छी दोस्त बन गईं कि वो 46 सौ किलोमीटर की दूरी तय करके उनके घर पहुंच गईं। अनास्ता को इस तरह अचानक देख पहले तो कन्हैया और उसके घर वाले सोच में पड गए, लेकिन फिर सबने मिलकर बड़े ही प्यार से अनास्ता और उनके साथियों का स्वागत किया। विदेशी दोस्तों के घर आने पर पूरा गांव उनसे मिलने आया।
अनास्ता और उसके दोस्तों ने अपने दोस्त कन्हैया लाल के घर कच्चे चूल्हे पर बनी मक्के की रोटी खाई। दूसरे दिन रविवार को वो लोग खेतों में घूमने गए| गाँव घूमने के बाद सबने ग्रामीण बच्चों से बातचीत भी की। अनास्ता और उनके दोस्त कन्हैया लाल से मिलकर काफी खुश नज़र आ रहे थे| कन्हैया लाल भी उनकी विदेशी दोस्त के घर आने पर इतने खुश थे की, उन्होंने इस बारे में मीडिया को एक वीडियो के जरिए बताया कि अनास्ता उन्हें बिल्कुल भी अलग नहीं लगीं, बल्कि उन्हें तो ऐसा लग रहा था की अनास्ता और उनके दोस्त उन्ही के परिवार के सदस्य है|