हमारे घर में सबसे गंदी जगह टॉयलेट मानी जाती है। हम वहां जल्दी मुंह नहीं खोलते और टॉयलेट से वापस आने के बाद अच्छे से हाथ पैर धोते है। लेकिन हम अपने फोन को हमेशा अपने पास रखते है। फोन का इस्तेमाल करते करते हम खाना पीना भी कर लेते है लेकिन क्या आप जानते है जिस फोन के बिना आप राह नहीं सकते है वो फोन टॉयलेट सीट से 7 गुना गंदा होता है। यह खुलासा हुआ है एक अध्ययन में किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जब उन्होंने टॉयलेट सीट और फोन को स्कैन किया तो एक टॉयलेट सीट में 220 बैक्टीरिया दिखाई दिए जबकि एक मोबाइल फोन में इसकी संख्या 1479 थी। यूनिवर्सिटी ऑफ एबरडीन में बैक्टीरियोलॉजी के सेवानिवृत्त प्रो ह्यू पेनिंगटन ने कहा कि एक स्मार्टफोन को पोंछने पर आपको उस रुमाल पर जीवाणु मिलने की पूरी सम्भावना होती है।
जबकि दिन में कई बार आपका फोन आपके शरीर के सम्पर्क में आता हैं। उन्होंने कहा कि साल के सर्दियों में फोन्स पर ‘नोरोवायरस’ नाम का बैक्टीरिया पाया जाता है। जो उल्टियों के लिए जिम्मेदार होता है। लेकिन स्मार्टफोन्स पर इस्तेमाल कर्ता के खुद अपने बैक्टीरिया होते है इसलिए बीमारी किसी अन्य व्यक्ति तक हस्तांतरित होने की सम्भावना कम होती है। फूड प्वाइजनिंग तथा पेट के कीड़ों का कारण 2011 में लंदन स्कूल ऑफ हाईजीन एंड ट्रोपिकल मैडीसिन के वैज्ञानिकों ने पाया कि 6 में से एक मोबाइल फोन मल पदार्थ से दूषित था, जिसमें इ-कोली बग भी शामिल था जो फूड प्वाइजनिंग तथा पेट में कीड़ों की वजह बनता है।
पिछले वर्ष उपभोक्ता की सुरक्षा करने वाली एक संस्था, जिसने 30 फोन की जांच कर खोजा कि एक फोन पर बैक्टीरिया स्तर से कहीं अधिक थे और अपने मालिक को पेट की गम्भीर बीमारी देने में सक्षम थे। नए अध्ययन में पाया गया है कि चमड़े के केस में रखे जाने वाले स्मार्टफोन्स पर बैक्टीरिया की संख्या सबसे अधिक होती है, जिसका इस्तेमाल वालेट के तौर पर भी किया जाता है। मालूम हो कि जो लोग अपने स्मार्टफोन्स को नीचे रखना गवारा नहीं करते, वे यह जानकर कि उसमें कितने कीटाणु होते हैं, इस अध्ययन के खुलासा के बाद डर कर उन्हें फेंक सकते हैं।