आज से आठ साल पहले दिल्ली में हुए निर्भया के साथ हुए जघन्य अपराध और हाइप्रोफाइल मामला होने के बावजूद उसको इंसाफ नहीं मिल पा रहा है। इन दरिंदो ने निर्भया को वह हाल किया था कि देखने वालो की रुह कांप गई थी। आठ साल बाद निर्भया के गुनाहगारो को 22 जनवरी2020 को फांसी दी जानी थी लेकिन अब यह फांसी एक बार फिर से टाल दी गई । निर्भया के गुनहगार मुकेश ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी है अब राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका पर फैसला देने के बाद दोषियों को 14 दिन का वक्त दिया जाएगा और उसके बाद इनको फांसी दी जाएगी।
फिलहाल निर्भया गैंगरेप के दोषी मुकेश कुमार की अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई शुरु कर दी गई है। दोषी मुकेश ने अपने डेथ वारंट की रोक के लिए राष्ट्रपति से मांग की है। मुकेश ने कहा है कि उसका डेथ वारंट रद्द कर दिया जाएं क्योंकि अभी उसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है। वहीं दिल्ली सरकार के वकील ने भी दोषियों को 22 जनवरी की फांसी की तारीख को टालने की सूचना के बारे में बताया कि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका पर फैसला देने के बाद दोषियों को 14 दिन का वक्त देना होता है।
मुकेश की तरफ से रिबाका जॉन मुकदमा की पैरवी कर रही है। वहीं इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ मुकेश की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर चुकी है। गौरतलब है कि 18 दिसंबर को तिहाड़ जेल अथॉरिटी ने सभी दोषियों को नोटिस जारी कर कहा कि वह चाहें तो 7 दिन के अंदर दया याचिका दाखिल कर सकते हैं। वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दो दोषियों ने उनके केस को सही पैरवी न मिलने पर गौर करने की बात कही थी।