आजकल कई युवा ऐसे है जो नौकरी की जगह खुद के बिजनेस में भरोसा रखते है। वो जानते है एक बार अगर बिज़नेस चल गया तो फिर वो किसी और कि नौकरी करने के बजाए खुद नौकरी पर लोगो को रख सकेंगे और वो मालिक बन कर राज़ करेगे। बिज़नेस को लेकर लोगों के दिमाग में कई सवाल आते है जैसे बिजनेस के लिए बहुत पैसा होना चाहिए वगैरह वगैरह तो हम आपको बता देते बिजनेस के लिए अगर कोई चीज़ जरूरी होती है तो वो है साफ नीयत भारत मे कई लोग ऐसे हुए जिन्होंने बिना ढेरो पैसों के बिजनेस शुरू किया और आज वो कम्पनी हज़ारो का मुनाफ़ा कमा रही है। ऐसी ही कम्पनी के बारे में हम आपको बताने जा रहे है।

दरअसल हम बात कर रहें है घर घर मे पसंद किए जाने वाले लिज्जत पापड़ की। आज के जमाने में पापड़ की दुनियां में लिज्जत बहुत बड़ा नाम हैं।आप में से शायद ही कोई हो जिसने लिज्जत पापड़ न खाए हो ।आज लिज्जत पापड़ हर साल 334 करोड़ रुपए का बिजनेस करता हैं। जबकि इस कम्पनी की नींव कुछ महिलाओं ने 80 रुपए उधार लेकर रखी थीऔर देखते ही देखते इन महिलाओं ने करोड़ो का कारोबार खड़ा कर दिया।
15 मार्च 1959 को जसवंती बेन ने अपनी कुछ सहेलियों के साथ मिल पापड़ का व्यवसाय करने की सोची इसके लिए ये लोग कहीं से 80 रुपए उधार लेकर आई। इन पैसो से इन्होने दाल और मसाले ख़रीदे।फिर इस सामान अनगिनत पापड़ बेले इन्होने पहले दिन पास की ही एक दूकान में पापड़ बना कर चार पैकेट बेच दिए। दुकानदार को इनके पापड़ जम गए।उसने और पापड़ लाने का आर्डर दे दिया। इस तरह सिर्फ 15 दिनों में इन्होने अपने उधार लिए 80 रुपए भी चुका दिए। लिज्जत पापड़ ने पहले साल 6,196 रुपये का कारोबार किया।इससे इनका कांफिडेंस बड़ा और इन लोगो ने अन्य महिलाओं को भी अपनी टीम में जोड़ लिया।

