मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने माना लोहा
मंजिल उन्ही को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है, पंखो से कुछ नहीं होता सपनो से उड़ान होती है। जैसे लाइनो को सार्थक कर दिखाया रायपुर के प्रोफेसर जेएन पांडेय स्कूल के 11वीं के छात्र ऋतिक पहरिया ने अपनी चित्रकारी के हुनर से। ऋतिका एक गरीब मजदूर परिवार से उन्होने बस्तर के बस्तर में महिला सशक्तिकरण के नजारे को कैनवास पर ऐसा उकेरा कि उन्हें केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ( की ओर से आयोजित कला उत्सव 2019-20 के लिए चुना गया ।
दिसंबर में होने वाली राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता में ऋतिक हिस्सा लेने वाली है। इस प्रतियोगिता में ग्लोबल वार्मिग को कैनवस पर उकेर कर राष्ट्रीय स्तर पर तहलका मचाएगी। राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले बच्चों को पुरस्कार और अन्य प्रतिभागियों को पार्टिसिपेंट प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
कहते हुनर किसी चीज का मोहताज नही होता तभी तो मजदूर परिवार से होने के बाद भी ऋतिका ने अपने हुनर के बल पर तहलका मचा दिया वहीं इससे पहले रिक्शेवाले का बेटा लक्ष्मण ने सिंगर के तौर पर देश भर में पहचान बना चुका है। मजदूर और किसान के दो बेटे यहां से टॉपर बनकर निकल चुके हैं।
राज्य स्तर पर चित्रकला में इन बच्चों का हुआ चयन
ऋतिक पहरिया 11वीं, प्रो. जेएन पांडेय स्कूल रायपुर, कु. सरोज 10वीं, शाउमावि सेमरा बिलासपुर एकल गायन: प्रभाकर बरेठ 12वीं, संत थाम उमावि सारंगढ़ , निशु बंजारे 11वीं, ज्ञान ज्योति वि. पामगढ़ एकल वादन: राहुल यादव 11वीं शाउमावि खैरागढ़, प्रज्ञा रामटेके नौवीं, शाउमावि सरोना कांकेर एकल नृत्य: लिलेश धु्रव नौवीं, शाउमावि सिलोटी धमतरी, सारा पांडेय नौवीं, सेंट फ्रांसिस उमावि बिलासपुर।