एसिड अटैक एक सिर्फ एक नार्मल एक्सीडेंट नहीं होता है। बल्कि उस घटना के बाद से उस लड़की हर रोज़ तिल तिल कर मरती है। आईना देखते वक़्त सर्जरी होते वक़्त माँ बाप को परेशान देखते वक़्त उस वक़्त जब लोग उसका चेहरा देखकर डर जाते है। बच्चे डर कर चीख उठते है। उस एसिड की जलन सिर्फ एकबार नहीं बल्कि बार बार आत्मा को झुलसती है। उस वक़्त ज़िन्दगी से ज्यादा खूबसूरती मौत में नज़र आती है। इन सब अहसासों का पुलिंदा है फ़िल्म छपाक। बस एक छपाक और ज़िन्दगी की सारी खूबसूरती तेज़ाब की तपिश में जलकर काली पड़ जाती है। लेकिन फिर भी हिम्मत और हौसले से इन लोग लड़कियों ने तहजब की जलन को भी ठंडा कर दिया यह कहानी है एसिड सरवाइवर के संघर्ष की। इसमें से ही एक है। कंगना की बहन रंगोली जिनका दर्द आपकी आंखों को नाम कर देगा और संघर्ष की कहानी आपको हर परिस्थिति में लड़ने का हौसला देगी।
रंगोली ने कुछ वक्त पहले अपने दर्द को एक इंटरव्यू में लोगों से साझा किया। जिसे सुनकर हर किसी की रूह कांप गई थी, रंगोली ने कहा था ‘एसिड अटैक एक नार्मल एक्सीडेंट नहीं होता है, इस अटैक के बाद उन्होंने जो झेला है वो भगवान किसी दुश्मन को भी ना झेलाएं, एसिड का
दर्द केवल शरीर पर ही नहीं बल्कि आत्मा पर भी होता है।’
रंगोली ने बताया कि ‘मेरी एक आंख और एक ब्रेस्ट पूरी तरह से खराब है। एसिड अटैक की वजह से मेरी एक आंख की नंबे प्रतिशत रोशनी जा चुकी है और एक ब्रेस्ट भी खराब हो चुका है। एसिड की वजह से मेरे शरीर की नसें तक प्रभावित हुई थीं, जिसकी वजह से मुझे सांस लेने में भी दिक्कत होती थी, मुझे 57 सर्जरी से गुजरना पड़ा था।’
उन्होंने बताया कि ‘ये तो केवल शारीरिक कष्ट था लेकिन जब मैं अपनी इस हालत और अपने मां-बाप की ओर देखती थीं तो मुझे खुद से नफरत होती थी, रंगोली ने कहा था कि ‘प्लास्टिक सर्जरी कोई वरदान नहीं है, जो आपको नया रूप दे देगी, इसमें आपकी जांघों की स्किन को ही आपके बर्निंग प्लेस पर लगाया जाता है, वो दर्द असहनीय था।’
उन्होंने कहा ‘इस हादसे के बाद मैंने कई महीनों तक आईना नहीं देखा था, मुझे खुद से डर लगने लगा था, ये वो दौर था जिसे में कभी चाहकर भी भूल नहीं सकती हूँ, उस वक्त कंगना का संघर्ष चल रहा था, हमने उस वक्त मानसिक, शारीरिक और आर्थिक हर तरह का प्रेशर झेला था। रंगोली ने देश की लड़कियों से अपील की थी वो अपनी हर बात मां-बाप से शेयर करें, ये उन्हें मजबूती देगा और अपने खिलाफ होने वाली हर गंदी हरकत के खिलाफ वो आवाज उठाएं, वो कमजोर नहीं हैं, ये उन्हें हमेशा याद रखना चाहिए।