हर इन्सान के पास अपने देश की नागरिकता होती है, जो उसे वहां रहने की परमिशन प्रदान करती है, एक देख की नागरिकता होते हुए किसी को दूसरे देश की नागरिकता नहीं मिल सकती है। अगर लड़की की भी शादी किसी दूसरे देश में की जाती है तो उसको उसके पति के देश की नागरिकता मिल जाती लेकिन फिर उस लड़की की अपने देश के नागरिकता खत्म हो जाती है।
एक साथ दो देश की नागरिकता किसी भी हालत में किसी नहीं मिल सकती लेकिन हम आपको भारत की एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे है। जहां के निवासियों के पास दोहरी नागरिकता है। और यह एक जगह रहते तो दूसरी जगह सोते है।
हमारे देश भारत में एक ऐसा गावं बसता है जो न केवल अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर बल्कि यहां के रहने वालो के पास भारत के साथ एक ओर देश की नागरिकता पाने का अधिकार है यह नागरिकता एक देश ने यह जानते हुए दी है कि वहां के निवासियों के पास दूसरे देश की भी नागरिकता है।
जी हां मैं आपको बताने जा रही हूं, नागालैंड की राजधानी कोहिमा से 380 किमी की दूरी पर स्थित नार्थ-ईस्ट की तरफ स्थित लोंगवा गांव की। इस गांव दोहरी नागरिकता की खासियत दुनियां में किसी के पास नहीं है। लोंगवा गांव भारत की पूर्वी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बसा हैं। इस गांव से बीचो-बीच भारत और म्यांमार की सीमा गुजरती हैं। भारत और म्यांमार के बीच बसे इस गांव का आधा भाग भारत और आधा भाग म्यांमार में पड़ता हैं। इस गांव के बीचो-बीच गुजरने वाली अंतर्राष्ट्रीय सीमा के बावजूद इस गांव के लोगों को दो देशों की सीमाओं में न बांटते हुए दोनों देशों की नागरिकता दी गई हैं। साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार, इस गांव में 732 परिवार रहते हैं जिनकी जनसंख्या 5132 हैं।