एक दौर था जब गोविंद की सारी फिल्में उनके नाम से चल जाती थी। गोविंदा ने अब तक जितनी भी फिल्में नंबर वन के नाम से की शायद ही किसी और एक्टर ने की हो और वह सारी की सारी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नंबर वन पायदान पर भी रही। गोविंदा की हीरो नंबर वन उनको लोगों के दिलों में बैठा दिया और वह बन गए बॉलीवुड के हीरो नम्बर वन लेकिन कहते है जब किसी एक्टर की जिंदगी में सफलता आती है तो वहीं असफलता बाहें फैलाकर उसका इंतजार करती है। बॉलीवुड के हीरो नम्बर वन बनने के बाद गोंविदा की कुछ गलतियां जो उनके करियर पर भारी पड़ गई और गोविंदा को हीरो से जीरो बनने में देर न लगी तो चलिए हम आपको बताते है गोंविदा के बर्थ डे पर उनकी गलतियों के बारे में जिन्होने उन्हें इंडस्ट्री के हीरो नंबर से जीरो बना दिया।

गोविंदा के लिए हमेशा से सपोर्टिग रोल प्ले करना एक इश्यू रहा है, भले ही कुछ फिल्मों में उन्होंने सहकलाकार की भूमिका निभाई हो मगर वे 56 साल की उम्र में भी लीड एक्टर बनने की कोशिश में लगे रहते हैं जबकि अनिल कपूर और संजय दत्त जैसे उनके साथी कलाकार सपोर्टिग रोल कर के आज भी सक्सेसफुल हैं।
राजनीति-करियर के बीच में गोविंदा का राजनीति के क्षेत्र में उतरना हालात फैसला साबित हुआ। कांग्रेस पार्टी की तरफ से उन्होंने चुनाव लड़ा और जीता भी मगर इसके बाद उनका फिल्मी सफर जैसे कहीं थम सा गया। बॉलीवुड इंडस्ट्री में गोविंदा और डेविड धवन की जोड़ी श्रेष्ठ एक्टर डायरेक्टर की जोड़ी मानी जाती थी। मगर डेविड धवन के साथ भी ईगो प्रॉब्लम की वजह से गोविंदा का मनमुटाव हो गया। बता दें कि दोनों ने साथ में करीब 20 फिल्में की जिसमें शोला और शबनम, कुली नंबर 1 और हीरो नंबर 1 जैसी फिल्में शामिल हैं।