देखिये यह बात तो हम सब जानते हैं कि वक़्त से पहले और किस्मत से ज़ादा किसी को कुछ नहीं मिलता, अगर किसी की किस्मत अच्छी हो तो भिखारी के भी दिन बदल जाते हैं। हमने आपने बहुत सी ऐसी कहानियां सुनी होंगी जिसमे कोई इंसान अचानक से ही अमीर बन गया हो। ये भी अक्सर देखने को मिला है, जब हम सब स्कूल में रहे होंगे तो हम में से कई सारे बच्चे ऐसे थे जो पढ़ाई में भी कमज़ोर थे और उनके बारे में कोई अंदाज़ा भी नहीं लगा सकता था कि ये आगे आने वाले जीवन में क्या करंगे, लेकिन आज जब हम उन्हें देखते हैं तो वो हमसे कोसो आगे निकल चुके होते हैं और वो ज़िन्दगी जी रहे होते हैं जिसके बारे में हम सिर्फ और सिर्फ सपने देखते हैं।
लेकिन ऐसा नहीं है के कोई भी इंसान सिर्फ किस्मत के दम पर आगे बढ़ जाए, किस्मत भी तभी साथ देती है जब आप साथ में मेहनत भी करते हैं। भारत में ऐसी बहुत सी मान्यताएं हैं जैसे बहुत से देवी देवताओं के मंदिर हैं जहां पर आपकी मनोकामन पूरी होती है। और ऐसी कई मान्यताएं हैं जैसे हमने आपने एक आर्टिकल में बात करी थी ऐसे मंदिर के बारे में जहा पर अगर आप मंदिर गुड्डा चुरा लेते हैं तो आपको पुत्र की प्राप्ति होती है। आज हम ऐसी ही मान्यता के बारे में बात करने जा रहे हैं जहा पर अगर आप ताला चढ़ा कर या बाँध कर अपनी किस्मत खोल सकते है.
एक मंदिर है कानपुर के बंगाली मोहाल मोहल्ले में और यह मंदिर भारत के अनोखे मंदिरों में से एक है। यह कब बना और किसने बनवाया ? ये कोई नहीं जानता। मंदिर में मां काली की मूर्ति स्थापित है।
पुजारी और भक्तजन बताते हैं कि मंदिर में मन्नतों का ताला जब लगता है तो मां भी अपने भक्तों की तक़दीर के ताले जल्दी ही खोल देती हैं। यही कारण है कि मन्नत पूरी होते ही भक्त जल्दी से जल्दी इस ताले को खोलने के लिए आते हैं। हालांकि मंदिर कब और किसने बनवाया ? यह कोई नहीं जानता। पुजारी भी बताते हैं कि उन्हें भी उनके पुरखों ने बताया है कि यह मंदिर दशकों पहले स्थापित हुआ था।