क्या है इस त्योहार को मनाने का मकसद, इस दिन क्या करे!
दीपावली का त्योहार कल यानी 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा इससे एक दिन पहले छोटी दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार को लोग नरक चतुर्दशी के नाम से भी जानते है।
इस त्योहार को पीछे मानने की मान्यता है की प्राचीन काल मे रति देव नाम के एक प्रतापी राजा थे। उन्होंने कभी किसी तरह का कोई भी पाप नही किया था। उनका दिल एकदम साफ और स्वच्छ था। लेकिन वक़्त जब उनकी मौत का करीब आया तो उन्हें पता चला उन्हें नरक में जाना पड़ेगा। राजा ने जब इसका कारण पूछा तो यम ने कहा कि आपकी वजह से एक बार एक ब्राह्मण भूखा सो गया था। टैब उन्होंने यम से कुछ ववत मांगकर एक हज़ार ब्राह्मण को खाना खिलाया तब उन्हें मोछ की प्राप्ति हुई तब से यह त्योहार नरक चतुर्दर्शी के रूप में मनाया जाता है।
इस त्योहार को मनाने के पीछे धारणा है कि भगवान कृष्ण इस दिन लोगो को सुंदरता प्रदान करते है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। उनकी पूजा से सभी तरह का संताप मिट जाता है। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर शरीर पर चंदन का लेप लगाकर सूख जाने के बाद तिल एवं तेल से नहाना चाहिए और इसके बाद सूर्यदेव को अर्ध्य देना चाहिए।
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इसी दिन यम की भी पूजा की जाती है। शाम घरों के बाहर दहलीज पर दीप जलाएं जाते हैं जिससे अकाल मृत्यु नहीं आती है। उसी दिन हनुमान जयंती भी मनायी जाती है।और इनकी पूजा करने से संकट टल जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता काली की भी पूजा की जाती है। इसलिए इस दिन को शिव चतुर्दर्शी और काली चौदस भी कहते है।